Narmadapuram Politics: सियासत नर्मदापुरम….किसकी होगी शह किसकी होगी मात
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भोपाल से लेकर दिल्ली तक लगा रहे क्षेत्र के नेता चक्कर
शर्मा परिवार की टिकिट कटवाने लामबंद हुए कुछ भाजपाई, क्या फर्क पड़ेगा ?
Narmadapuram Politics: नर्मदांचल (मो. रूवेज़ पठान)। नर्मदांचल में सियासत की सतरंज की बिछ चुकी है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख नज़दीक आ रही है, वैसे-वैसे सियासी चालें भी तेज़ हो गई है। हाल फिलहाल जो राजनीति की चाले खेली जा रही है वो पार्टी के अंदर की है। टिकटों को लेकर छल कपट, षड्यंत्र, ईमानदारी सब प्रकार के हथकंडे अपनाए जा रहे है। असली मजा भाजपा के अंदर चल रही राजनीति में आ रहा है। कुछ नेता वर्तमान विधायक डॉक्टर सीतासरन शर्मा के खिलाफ खड़े हो गए है। उनका मत है कि डॉक्टर शर्मा या उनके परिवार के किसी भी व्यक्ति को टिकिट न दी जाए। जबकि भाजपा में अभी तक शर्मा परिवार की ओर से टिकिट को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजनैतिक जानकारों के मुताबिक डॉक्टर शर्मा आखरी वक्त पर अपने पत्ते खोलेंगे। इस सब के बीच कांग्रेस में भी टिकिट को लेकर दाव पेंच शुरू हो चुके है। इस सब के बीच पूर्व विधायक और भाजपा के कद्दावर नेता रहे पंडित गिरजाशंकर शर्मा के भी कांग्रेस ज्वाइन करने के संकेत मिल रहे है। वही सोहागपुर विधानसभा में कांग्रेस टिकिट को लेकर भूचाल मचा हुआ है। जहां सोहागपुर क्षेत्र में हार के बावजूद लगातार सक्रिय रहकर कांग्रेस को जीवित रखने वाले पलिया की टिकिट पक्की मानी जा रही है। लेकिन सविता दीवान सहित अन्य नेता भी पांच साल की नींद के जागने के बाद टिकिट की दौड़ के लिए उठापटक कर रहे है। देखना यह हैं आगे क्या होगा?
क्या शिवराज कुछ नेताओं के कहने से रिस्क लेंगे

प्रदेश की राजनीति की बात की जाए तो इस बार शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी का पलड़ा हाल फिलहाल 50 = 50 है। किसकी सरकार बनेगी ये कहना मुश्किल है। अब सवाल उठता है कि इस मुश्किल घड़ी में शिवराज सिंह चौहान कुछ नेताओं के कहने से जीती जिताई सीट पर दाव खेलेंगे। क्या वह इतना बड़ा रिस्क लेंगे। क्यों की ये साफ जाहिर है की वर्तमान विधायक डॉक्टर सीतासरन शर्मा और उनके परिवार ने इस क्षेत्र को लगातार भाजपा के लिए जीतते हुए इसे अन्य पार्टियों के लिए अभेद किला बना दिया है। ऐसे में डॉक्टर शर्मा की टिकिट काटने का मतलब है इस क्षेत्र की सीट को लेकर दाव खेलना।
गिरजाशंकर शर्मा कांग्रेस से लड़े तो भाजपा की सीट जायेगी
कभी जनसंघ के ज़माने से भाजपा का झंडा लेकर चले और विधायक बने पंडित गिरजाशंकर शर्मा ने संगठन और नए नेताओं से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी थी। तब से ही कयास लगाए जा रहे है की वह कांग्रेस ज्वाइन कर सकते है। राजनैतिक सूत्रों के मुताबिक वह लगातार कमलनाथ के संपर्क में है। ऐसे में यदि कमलनाथ उन्हें कांग्रेस में शामिल कर नर्मदापुरम सीट से चुनाव लड़ाते है तो ये सीट भाजपा गवा भी सकती है।
राजनैतिक समीकरण बनेगा कुछ इस तरह
भाजपा के पास कोई दूसरा ऐसा चहरा नही है जो स्वयं की व्यक्तिगत छवि पर चुनाव जीतने का माद्दा रखता हो। पार्टी के दिए एक्स्ट्रा एफर्ट से ही अन्य कोई नेता विधायकी की कुर्सी तक पहुंच सकता है। इससे बुरा हाल कांग्रेस का है जिसके पास तो कोई ऐसा चहरा ही नहीं है जो जनता से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ हो। ऐसे मैं भाजपा यदि डॉक्टर सीतासरन शर्मा को टिकिट देती है तो भाजपा बड़ी ही आसानी से ये सीट अपनी झोली मैं डाल लेगी। इसके विपरीत डॉक्टर शर्मा की टिकिट काटकर किसी ओर को चुनाव में उतारती है तो नए चेहरे की वजह से परेशानी तो होगी ही। इसके अलावा भाजपा की इस्थित भी कांग्रेस की तरह हो जायेगी क्योंकि भाजपा के पास भी अन्य कोई नेता नहीं है जो पोरी विधानसभा की जनता के साथ सीधे तौर पर जुड़ा हो। ऐसे में मुकाबला बराबरी का हो जायेगा और जीत किसके हाथ लगेगी ये कहना मुश्किल होगा। इस बीच यदि गिरजाशंकर शर्मा कांग्रेस ज्वाइन करते है और चुनाव लड़ाते है तो भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का पड़ला भारी होगा। भाजपा सीट गवा भी सकती है