MP Samachar: चुनावी वर्ष में नियमित शिक्षक संवर्ग को सीएम का बड़ा तोहफा
MP Samachar: CM's big gift to regular teacher cadre in election year
- बीते 20 वर्षों से संघर्षरत नियमित शिक्षक संवर्ग को मिलेगा उच्चतर प्रभार पदनाम
- प्रदेश के समस्त नियमित शिक्षक संवर्ग में हर्ष, एक दूसरे को दी बधाई
MP Samachar: (बैतूल)। लंबे संघर्ष के बाद नियमित शिक्षक संवर्ग की मांग पूरी हो गई है। लगभग 20 वर्षों से जारी सम्मान की लड़ाई में आखिरकार नियमित शिक्षक संवर्ग को सफलता मिल ही गई। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री नारायण सिंह नगदे ने बताया कि नियमित शिक्षक संवर्ग दो दशकों से उच्चतर प्रभार पदनाम की अनार्थिक मांग के लिए संघर्ष कर रहा था।
सैकड़ों बार आंदोलन प्रदर्शन करने के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के लगभग 80 हजार नियमित शिक्षक को इस चुनावी वर्ष में बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियमित शिक्षक संवर्ग को उच्चतर प्रभार पदनाम देने की घोषणा कर दी है।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद प्रदेश के समस्त नियमित शिक्षक संवर्ग में हर्ष की लहर है। समस्त शिक्षक संवर्ग एक दूसरे को बधाई देकर खुशी जाहिर कर रहे हैं। गौरतलब है कि पूरे सेवाकाल में पदोन्नति और पदनाम नहीं देने को लेकर नियमित शिक्षक संवर्ग की बढ़ती नाराजगी और विधानसभा चुनाव की निकटता को देखते हुए सरकार ने नियमित शिक्षक संवर्ग को उच्चतर प्रभार पदनाम देने का फैसला कर लिया है। 15 अगस्त तक शिक्षा विभाग व जनजातीय कार्य विभाग के समस्त सहायक शिक्षकों को उच्चतम प्रभार पदनाम के आदेश जारी होने का शासन का लक्ष्य है।
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इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
उल्लेखनीय है कि इस मांग को पूरा करवाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार व राज्य कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष व राज्यमंत्री रमेशचंद शर्मा, केबिनेट मंत्री दर्जा शिव चौबे, मधुकर साबले महामंत्री भारतीय मजदूर संघ, विश्वजीत सिंह सिसौदिया प्रांताध्यक्ष व महामंत्री हेमंत श्रीवास्तव के विशेष मार्गदर्शन में यह मांग मुख्यमंत्री ने पूरी की।
जिसमें मुख्य रूप नारायण सिंह नगदे जिलाध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री शिक्षक संघ के नेतृत्व में, राकेश श्रीवास्तव सागर, गोविंद शर्मा राजगढ़, अवधेश उपाध्याय सागर, अशोक बुनकर देवास, राजेन्द्र मालवीय बैतूल, एएसके कुरैशी रिटायर्ड प्रधान पाठक, चन्द्रभान बारस्क कृष्णराव खासदेव, कवीन्द्र दुबे सागर, रामविलास विश्वकर्मा जबलपुर, अविष्कार शर्मा होंशगाबाद, अमित उपमन्यु ग्वालियर, दिलीप कसेरा ब्यावरा, विमल राठौर देवास, बलराम पुरोहित देवास, विजय शंकर पाठक, नंदकिशोर गुप्ता, राम नारायण लहरी ब्यावरा, अवधेश उपाध्याय सागर, कविन्द्र दुबे सागर, विजयशंकर पाठक सागर, गिरीश शर्मा आगर, अनिल श्रीवास्तव छिंदवाड़ा, मनोज तिवारी सिवनी, सुनील महाले आठनेर, केके सायवान पट्टन, चन्द्र किशोर रघुवंशी रविन्द्र जैन, राजशेखर सैन सागर, मदन मंडलोई, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल इन्दौर,कमल सोलंकी रतलाम, बीएल डाबर, जगदीश कर्मा, शर्मा खरगोन, शरद तिवारी, संतोष जैन, प्रदुम्न सोनी, कैलाश चन्द्र बघेल, तुकाराम पाटीदार, हेमन्त शर्मा गुना, रामानंद बेले, रूपकुमार अधिरक, उत्तम राव ठाकरे, लक्ष्मण कुण्डल झाबुआ, अजय मालवीय, राजकुमार आर्य, चन्द्रशेखर साकरे, नेमीचंद मालवीय , मनीष भट्ट छिंदवाड़ा, नीरज दुबे छिन्दवाड़ा, प्रदीप सिंह सागर, वीएस उपाध्याय सांची, नंदकिशोर गोस्वामी, मनीष जैन जबलपुर, होतम सिंह गुर्जर, कमला शंकर पाठक, सतीश पालीवाल ब्यावरा, सुनील महाले, संजय मरावी, भगवत तुमडाम,, मनोज गुप्ता, बीएल सिरसाम, विक्रांत गावन्डे, अजय मालवीय, राजकुमार आर्य, उत्तमराव ठाकरे, अनेक राव गायकवाड़- गिरीश शर्मा आगर, अनिल श्रीवास्तव छिंदवाड़ा, मनोज तिवारी सिवनी, राजशेखर सैन सागर, मदन मंडलोई, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल इन्दौर,कमल सोलंकी रतलाम, बीएल डाबर, जगदीश कर्मा व शर्मा खरगोन, शरद तिवारी, संतोष जैन, प्रदुम्न सोनी, कैलाश चन्द्र बघेल, तुकाराम पाटीदार, अशोक शर्मा राजगढ़, रमेश चंद्र राठौर धार, अजय गर्ग बुधनी, रमेश मिश्रा बुधनी, मनीष भट्ट छिंदवाड़ा, नीरज दुबे छिन्दवाड़ा, प्रदीप सिंह सागर, नंदकिशोर गोस्वामी, मनीष जैन जबलपुर, कमला शंकर पाठक, सतीश पालीवाल ब्यावरा, घनश्याम पाटीदार, लोकेन्द्र नागर, की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रदर्शन से लेकर सफलता तक ऐसा रहा सफर
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री नारायण सिंह नगदे ने बताया मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा विभाग व जनजाति कार्य विभाग में वर्ष 1980-82 से लेकर आज तक कार्यरत शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में एक भी पदोन्नति व पदनाम नहीं दिये। इसके विरोध में प्रदेश के लगभग 80 हजार नियमित शिक्षक संवर्ग ने सैकड़ों बार शिक्षक संगठनों के माध्यम से गुहार लगाई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अनेकों बार पूरे सेवाकाल में एक भी प्रमोशन व पदोन्नति से वंचित शिक्षकों ने पदोन्नति करने हेतु आन्दोलन व धरना प्रदर्शन तक किये, लेकिन कोर्ट का हवाला देकर सरकार इन 35 से 40 वर्षों की सेवा करने के उपरांत एक प्रमोशन नहीं दे रहीं थीं।
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वर्ष 2017 में सीएम के ग्रह विधानसभा में किया था प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन
नगदे ने बताया कि समग्र शिक्षक व्याख्याता प्राचार्य कल्याण संघ के तत्वाधान में शिक्षकों का प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन मुख्यमंत्री के गृहविधानसभा नसरूल्लागंज में 23 दिसम्बर 2017 को हुआ था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में आयोजित महासम्मेलन में उन्होंने प्रदेश के नियमित शिक्षक संवर्ग को जिनकी सेवा काल में एक भी प्रमोशन नहीं हुए हैं, ऐसे सभी शिक्षकों को उनके वेतनमान व वरिष्ठता अनुसार पदनाम पदोन्नति देने की बड़ी घोषणा की थी।
5 सितम्बर शिक्षक दिवस 2018 को भी घोषणा की गई थी, लेकिन नियमित शिक्षक संवर्ग को पदनाम के आदेश प्रसारित नहीं हुए और प्रदेश का शिक्षक संघ अनेकों बार गुहार लगाता रहा। इस दौरान तीन तीन विषयों में एमए, एमएससी, एमफिल, डीएड, बीएड, एमएड तक नियुक्त शिक्षकों को एक पद सहायक शिक्षक पर ही पूरी सेवा करते रिटायरमेंट होना पड़ा और प्रतिवर्ष लगभग हजारों शिक्षक एक पद सहायक शिक्षक से सेवानिवृत्त हो रहे थे और अभी किसी को एक वर्ष किसी को दो वर्ष से पांच वर्ष बाद सेवानिवृत्त होना है परन्तु फिर भी प्रदेश के शिक्षकों को पदोन्नति पदनाम नहीं हुआ तब जाकर शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल कर्मचारी आयोग व भारतीय मजदूर संघ के साथ म.प्र राज्य कर्मचारी संघ के साथ होकर इन राष्ट्र निर्माता की पीड़ा से अवगत कराय- तब भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री मधुकर साबले, कर्मचारी आयोग के राज्यमंत्री रमेश चंद्र शर्मा, राज्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसौदिया व महामंत्री हेमंत श्रीवास्तव के अथक प्रयास, परिश्रम से मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया।
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4 प्रतिशत डीए की घोषणा के समय सीएम ने दिया था आश्वासन
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारीयों को चतुर्थ समयमान वेतनमान व 4 प्रतिशत डीए की घोषणा व कर्मचारी संगठन द्वारा उनके स्वागत सम्मान करने के दिन ही शिव चौबे व रमेश चंद्र शर्मा को इस मांग को पूरा करने का आश्वासन मुख्यमंत्री द्वारा मिल चुका था।
19 जुलाई को आयुक्त लोकशिक्षण संचनालय भोपाल स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उच्च प्रभार पदनाम के प्रथम चरण में 721 व्याख्याता, प्रधान पाठक, उच्च श्रेणी शिक्षक की सूची जारी कर दी गई और शीघ्रता शीघ्र स्थानांतरण प्रक्रिया से पहले आनलाईन काउन्सलिंग प्रक्रिया के माध्यम से सभी को उच्चतम प्रभार पदनाम हेतु आदेश जारी कर दिया गया। आदेश जारी होने के साथ ही प्रदेश के समस्त नियमित शिक्षक संवर्ग में खुशियां, बधाईयां व शुभकामनाएं देने का दौर जारी है।