Ganesh Utsav 2023: बप्पा के स्वरूप से सीखे हैं लाइफ मैनेजमेंट के तरीके, जिससे चमक उठेेगी आपकी किस्मत
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Ganesh Utsav 2023: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुख-समृद्धि के देवता भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हर साल गणेश उत्सव मनाया जाता है। इस समय पूरा देश भगवान् श्री गणेश का जन्मोत्सव मना रहा है, महाराष्ट्र में रहने वालों के लिए ये सबसे बड़ा त्यौहार है, गणेश चतुर्थी से अनंत चौदस तक 10 दिन तक सिर्फ बप्पा की भक्ति होती है, हर तरफ बप्पा की प्रतिमाएं, गणपति बप्पा मोरया के जयकारे सुनाई देते हैं, भगवान गणेश की पूजा मन को शांति देती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्री गणेश का जो स्वरूप है यानि हम जिस रूप में इनकी पूजा करते हैं वो हमें लाइफ मैनेजमेंट के कितने गुण सिखाते है? आइये हम आपको बताते हैं …
इस साल गणेश उत्सव अंग्रेजी तारीख के अनुसार 19 सितंबर से शुरू हुआ है और 28 सितंबर तक चलेगा, 19 को गणेश चतुर्थी के दिन गणेश स्थापना की है और उसके अगले दिन से विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया है जो अनंत चौदस तक चलेगा, सामान्य तौर पर अधिकांश लोग डोल ग्यारस और अनंत चौदस के दिन बप्पा को विदा करते हैं।
गणेश जी के स्वरूप में छिपे हैं लाइफ मैनेजमेंट के गुण(Ganesh Utsav 2023)

आज का दौर भागदौड़ वाला है, सबसे ज्यादा कमी समय की है और सामान्य व्यक्ति के पास सबसे ज्यादा है वो है तनाव। ऐसे में मन को शांत कैसे रखा जाये और लाइफ मैनेजमेंट कैसे सही रखा जाये ये हमें भगवान गणेश का आकार यानि उनका स्वरुप बताता है, यदि हम भगवान श्री गणेश से लाइफ मैनेजमेंट के कुछ ट्रिक्स सीख लेंगे तो हमेशा खुश रहेंगे और हर मुसीबत का सामना डटकर आसानी से कर लेंगे।
बड़े कान देते हैं ये शिक्षा(Ganesh Utsav 2023)
सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता यानि श्री गणेश अकेले ऐसे देवता हैं जिनका शरीर दो जीवों से मिलकर बना है, गणेश जी का शरीर तो मानव का है लेकिन उनका सिर (मुख) हाथी का है, हाथी का मुख होने के कारण उनके बड़े-बड़े दो कान हैं। अब समझिये गणेश जी के बड़े-बड़े कान हमें ये शिक्षा देते हैं कि हमें ज्यादा सुनना चाहिए और कम बोलना चाहिए। यदि इस मंत्र को हमें अपना लिया तो हमारे जीवन में प्रगति को कोई रोक नहीं सकता।
क्या कहती है गणेश जी की लंबी सूंड(Ganesh Utsav 2023)

हाथी का सिर होने के कारण गणेश जी के दो बड़े कानों के अलावा एक लंबी सूड़ भी है। गणेश जी की सूंड मुड़ी हुई होने के कारण उन्हें वक्रतुण्ड भी कहा जाता है। गणेश जी की लंबी सूंड हमें यह सिखाती है कि व्यक्ति में दूर की चीजों का सूंघने (परखने) की क्षमता होनी चाहिए। इसका अर्थ ये हुआ कि भविष्य की परिस्थितियों का पूर्वानुमान लगाना आना चाहिए।
बड़ा पेट भी देता है महत्वपूर्ण शिक्षा(Ganesh Utsav 2023)
भगवान श्री गणेश जी का पेट बहुत बड़ा है और लंबा है, लंबा पेट होने के कारण गणेश जी को लंबोदर भी कहा जाता है। गणेश जी के बड़े पेट से भी हमें जीवन जीने का एक मंत्र मिलता है वो ये है कि मनुष्य की पाचन क्षमता बहुत होने चाहिए, यानि ऐसे बातें जिससे किसी का नुकसान हो सके उसे पेट में ही रखना चाहिए जिससे परिवार और समाज में सौहार्द बना रहे ये मंत्र हमें जीवन में सफल बना सकता है।
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एकदंत गणेश में छिपी से सफलता की कहानी(Ganesh Utsav 2023)

गणेश जी की प्रतिमाओं और तस्वीरों में उन्हें एक टूटे दांत और एक पूरे दांत के साथ दिखाया जाता है, एक दांत होने के कारण ही गणेश जी को एकदंत भी कहा जाता है। उनका एक दांत टूटने के पीछे भी एक कथा मिलती है , कहते हैं कि जब गणेश जी वेद व्यास जी की महाभारत को लिपिबद्ध कर रहे थे तो कलम टूट गई थी तब उन्होंने अपने एक दांत को तोड़कर उसकी कलम बना ली, ताकी कार्य में कोई बाधा न आए, जो उनके काम के प्रति समर्पण को दर्शाता है। गणेश जी का ये गुण जीवन में अपार सफलता दिला सकता है।