Betul Today News : लार्वा भक्षी मछली गम्बूशिया का जलस्रोतों में संचयन किया, मच्छरों की उत्पत्ति कम करने का बायोलॉजिकल उपचार है गम्बूशिया
Betul Today News: Gambushia, a larva-eating fish, is stored in water bodies, Gambushia is a biological treatment to reduce the generation of mosquitoes.
Betul Today News: (चिचोली)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिचोली में सीबीएमओ चिचोली डॉ राजेश अतुलकर के निर्देशन में एमटीएस चिचोली पंकज डोंगरे के मार्गदर्शन में और सेक्टर सुपरवाइजर के.धामोड़े, सीएचओ सिपलई हरिओम यादव, एएनएम सोनम सोनी, आशा कार्यकर्ता ग्राम कोटमी आशा उइके, आशा कार्यकर्ता ग्राम खैरी सावित्री धुर्वे की सहायता से उपस्वास्थ्य केंद्र सिपलई के ग्राम कोटमी देवपुर, खैरी के जल स्त्रोतों में लार्वा भक्षी मछली गम्बूशिया का संचयन किया गया।
इस विषय में श्री डोंगरे ने बताया प्रतिवर्ष जुलाई और अगस्त माह में गम्बूशिया मछली संचयन की जाती है, वर्तमान में चिचोली विकास खण्ड में अच्छी बारिश से जल स्त्रोत लबालब भर गए है। ये समय गम्बूशिया मछली संचयन के लिए अनुकूल है। गम्बूशिया मछली वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम में बहुउपयोगी है, क्योंकि ये मच्छर के लार्वा खाती है।
एक विकसित मछली 100 से 300 लार्वा खा लेती है जिससे मच्छर की उत्पत्ति तेजी से कम होती है, साथ ही ये मच्छरों की उत्पत्ति कम करने का बायोलॉजिकल उपचार है, जिससे पर्यावरण को कोई खतरा नही है ये मछली आकार में बहुत छोटी होती है और स्वाद में कडवी होती है। मछली पकड़ने और खाने वालों के काम की नही होती, जल स्त्रोतों में विपरीत परिस्थिति में भी जीवित रहने में सक्षम है। विकास खण्ड चिचोली में विभिन्न स्थायी जलस्रोतों में माह अगस्त में भी गम्बूशिया संचयन किया जाएगा ताकि मच्छर उत्तपत्ति कम हो और वाहक जनित बीमारियों के फैलाव और प्रतिकूल प्रभाव से बचा जा सके।