Betul Today News: पूर्व मुख्यमंत्री की जन हितैषी योजनाओं को सीधे जनता तक पहुंचा रहे पार्षद किरण कुमार झरबड़े

Betul Today News: Councilor Kiran Kumar Jharbade, who is taking the people-friendly schemes of the former Chief Minister directly to the public

  • कांग्रेस के संकल्प रथ के साथ गांव गांव में किया नारी सम्मान योजना का प्रचार

  • स्वच्छ छवि और विधानसभा क्षेत्र की जनता से सीधा जुड़ाव विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को देगी फायदा

Betul Today News: पूर्व मुख्यमंत्री की जन हितैषी योजनाओं को सीधे जनता तक पहुंचा रहे पार्षद किरण कुमार झरबड़े

Betul Today News: (बैतूल)। इस बार के विधानसभा चुनाव में आमला सारणी विधानसभा पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। भाजपा कांग्रेस से दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है, ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के इन दावेदारों में जनता से सीधा जुड़ाव की बात की जाए तो सारणी नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 4 से कांग्रेस के निर्वाचित वर्तमान पार्षद किरण कुमार झरबड़े खासे चर्चा में है। इसके पीछे मुख्य कारण उनका जनता से सीधा जुड़ाव होना है। दरअसल, पार्षद किरण कुमार झरबडे ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की महत्वपूर्ण नारी सम्मान योजना को प्रचार रथ के माध्यम से गांव-गांव में प्रचारित किया है। इस दौरान आम जनता से सीधे उनका जुड़ाव हुआ है।

नारी सम्मान योजना के प्रचार के दौरान ही उनके सामने आमला सारणी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने अनेक परेशानियों से अवगत कराया। पार्षद किरण कुमार झरबड़े ने बताया कि आमला सारणी विधानसभा क्षेत्र में 10 साल में क्षेत्रीय समस्याएं बढ़ गई है, क्षेत्र में कोई विकास धरातल पर नहीं दिख रहा है। भाजपा की राज्य और केंद्र में सरकार रहने के बाद भी आमला विस में विकास कार्य नहीं हो पाए। शहर विकास के मामले में जहां के तहां खड़ा है। जबकि पार्टी और पदाधिकारी चाह लेते तो उद्योग और कल कारखाने खुलने की संभावना थी। ट्रेनों के स्टापेज की संभावना थी। कुछ नहीं किया। अब जनता इस उपेक्षित रवैये के कारण कांग्रेस को जिताएगी और हम ये सब करके भी दिखाएंगे।

Betul Today News: पूर्व मुख्यमंत्री की जन हितैषी योजनाओं को सीधे जनता तक पहुंचा रहे पार्षद किरण कुमार झरबड़े

आमला सारणी विधानसभा में सुगबुगाहट तेज

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव को भले ही समय है लेकिन बैतूल जिले की राजनीति का केंद्र रहे आमला- सारणी विधान सभा क्षेत्र में चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। ऐसे में पार्षद किरण कुमार झरबड़े की सक्रियता ने सबको आश्चर्य में डाल दिया है। किरण कुमार झरबड़े चुनावी प्रचार-प्रसार के दिखावे से दूर आम जनता के बीच में रहकर उनसे सीधा संवाद साधकर अपनी पेठ लगातार मजबूत बना रहे है। पार्षद किरण कुमार झरबड़े ने हाल ही में कांग्रेस के संकल्प रथ के साथ पूरे विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण एवं जनसम्पर्क अभियान पूरा किया है।

हर जिम्मेदारी पर खरा उतरने का करेंगे प्रयास

कमलनाथ की सबसे महत्वपूर्ण योजना नारी सम्मान योजना की जानकारी घर पर जाकर दी एवं सभी महिलाओं के फॉर्म भरे, आत्मविश्वाश से पूर्ण, साफ़ छवि, गैर विवादित, मृदु व्यवहार के धनी एवं स्पष्ट वादी, सरल स्वभाव किरण कुमार झरबड़े से पूछा गया कि वे कांग्रेस से विधायक की टिकिट मिलने को लेकर कितने आश्वस्त है, उनका कहना था कि कांग्रेस आलाकमान चाहे वह जिला स्तरीय हो या प्रदेश स्तरीय नेताओं से जो मुझे प्रेरणा मिलती है, वह हर बार मुझे आगे बढ़ाती है, मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उसे हर बार मैंने पूरी ईमानदारी के साथ पूरा किया है और कमलनाथ जी भविष्य में बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लायक समझेंगे तो उन्हें भी पूरी ईमानदारी से कर्तव्यनिष्ठा से पूरा करेंगे। बैतूल जिले की सबसे लोकप्रिय विधानसभा सीट आमला जो कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है उसके लिए मैं प्रयासरत हूं, कांग्रेस पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाऊंगा।

ये रहेंगे इस चुनाव में मुद्दे

आगामी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी रहेगा। सारनी बचाओ आंदोलन की चिंगारी इस चुनाव में एक बार फिर शोला बन सकती है। सारनी में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी, पलायन इस बार आमला विधानसभा क्षेत्र में खास मुद्दा रहेगा। सारनी पावर हाउस के दो हजार से ज्यादा मजदूरों को काम बंद होने से हुए नुकसान का मुद्दा भी इस बार छाया रहेगा। महंगाई एक मुद्दा तो रहेगा ही सारणी में नए उद्योग का ना खुलना बड़ा मुद्दा बन सकता है।

जबकि आमला क्षेत्र में कोच फैक्ट्री का न खुलना, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, कृषि मंडी का ना होना, पर्याप्त बिजली ना मिलना, एसडीएम कार्यालय का ना खुलना, जैसे मुद्दे इस चुनाव में कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते हैं। सारनी क्षेत्र में नगर पलिका के करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद विकास ना होने का मुद्दा भी यहां उठेगा। रुपयों के दुरुपयोग और जमीनी स्तर पर कोई काम ना होने का विषय चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है।

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