Betul Samachar: आदिवासी महिलाओं ने मोदी, शाह के लिए कलेक्टर को दी चूड़ियां
Betul Samachar: Tribal women gave bangles to collector for Modi, Shah
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मणिपुर हिंसा के विरोध में सड़क पर उतरीं जिले की सैकड़ों आदिवासी महिलाएं
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समस्त आदिवासी समाज संगठन महिला प्रकोष्ठ के बैनर तले राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
Betul Samachar: (बैतूल)। मणिपुर में हिंसा के बीच दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र अवस्था में घुमाने के वीडियो के वायरल होने के बाद जिले के आदिवासी समाज में आक्रोश भड़क उठा है। वहीं इस घटना को लेकर सियासत भी चरम पर है।
मंगलवार को जिला मुख्यालय पर समस्त आदिवासी समाज संगठन महिला प्रकोष्ठ के बैनर तले सैकड़ों आदिवासी महिलाओं ने सड़क पर उतर कर मणिपुर घटना के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। इन महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मणिपुर की घटना के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए चूड़ियां कलेक्टर को सौंपी। इसके साथ ही महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को सम्पूर्ण रूप से नग्न कर रोड पर परेड कराने तथा सामूहिक बालात्कार करने वाले दोषियों पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि ढाई महीने से अधिक समय से मणिपुर में हिंसा भड़क रही है। आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह चुप्पी साधे बैठे हुए हैं, अगर यह ठोस कार्यवाही नहीं कर सकते तो चूड़ियां पहन ले।
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महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष दुर्गा उइके के नेतृत्व में सौंपे ज्ञापन में बताया गया कि भारत देश के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति मणिपुर राज्य की आदिवासी समाज की महिलाओं को पूर्ण रूप से निर्वस्त्र अवस्था में सैकड़ों पुरुषों के बीच रोड पर परेड कराई गई। इस घटना से पूरा देश शर्मसार हो गया है।
आदिवासी महिलाओं के साथ दारिन्दगी बर्बरता की सारी हदें पार की गई है। उक्त वारदात 78 दिन पुरानी है, इस दौरान मणिपुर राज्य में इन्टरनेट सेवायें को भी बन्द कर दिया गया था।मणिपुर के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री द्वारा जघन्य अपराध पर किसी प्रकार से कोई कार्यवाही नहीं किया जाना निंदनीय है।
सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
भारत सरकार के महिला बाल विकास विभाग में मंत्रीपद पर महिला मंत्री होते हुए भी महिलाओं के साथ क्रूरता पूर्ण अपराध के लिये महिलाओं के बचाव में कोई ठोस कदम नही उठाना, उक्त प्रकरण में मूकदर्शक तमाशबीन बने रहना भी उनके द्वारा आदिवासी महिलाओं के प्रति सोच को दर्शाता है। आदिवासी समाज मणिपुर में महिलाओं के साथ किये गये घृणित कृत्य की घोर निंदा करता है।
महामहिम राष्ट्रपति से आदिवासी समाज अनुरोध करता है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ क्रूरतापूर्ण, दरिन्दगी, अपराध को संज्ञान में लेकर अपराधियों के विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जाए, साथ ही भारत की महामहिम राष्ट्रपति होने के नाते विभिन्न प्रदेशों में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को भी संज्ञान में लेकर कार्यवाही की जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष दुर्गा उइके, देवेश्वरी मरकाम, स्मिता धुर्वे, गणेशी कुमरे, शशि वाड़ीवा,पुष्पा पेंदाम,आरती कंगाले, संगीता परते,जयवंती इरपाचे, सुविता उइके,पुष्पा मर्सकोले, जमुना धुर्वे,सेवंती कुमरे,रानी धुर्वे, रीता आहके,सुनीता भलावी, संतरी कुमरे, जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके, संदीप कुमार धुर्वे जयस अध्यक्ष, दिलीप धुर्वे, राजा धुर्वे, जितेंद्र सिंह इवने, सौरभ सलामे, मनीष परते, राजेश कुमार धुर्वे, महेश उइके समेत अन्य सैकड़ों सामाजिक महिलाएं उपस्थित रहीं।